बेपुर दीपस्तंभ

BEYPORE LIGHTHOUSE

बेपोर दीपस्तंभ, मलबार में चालियार नदी के मुहाने के दक्षिण छोर पर स्थित है। चालियम, निकटतम गांव है, जो कोझिकोड (कालीकट) रेलवे स्टेशन से लगभग 10 किमी दूर पर स्थित है और सभी मौसमों के अनुकूल सड़क मार्ग से जुड़ा हुआ है। यह क्षेत्र ज़मोरिन शासन के तहत मलबार का हिस्सा रहा था। उस दौरान इसे कदलमिडी के नाम से जाना जाता था। यह लक्षद्वीप द्वीप समूह (एंड्रोथ, अगत्ती, कवरत्ती, सुहेलीपार और कल्पेनी) हेतु आधार बंदरगाह भी था और वर्तमान समय में भी लक्षद्वीप के मशीन के साथ सेलिंग जहाजों के लिए आधार बना हुआ है। 18वीं सदी में बेपोर बंदरगाह पर प्रवेश के लिए एक मस्तूल और झंडा उपलब्ध कराया गया था। डच किला ने एक ऐतिहासिक स्थल के रूप में भूमिका निभायी थी । 19वीं शताब्दी की प्रारंभता में एक स्तंभ खड़ा किया गया था जिस पर एक रहस्यमय लाइट प्रदान की गई थी। अंग्रेजों द्वारा कालीकट बंदरगाह को महत्व दिए जाने के कारण, उन्होंने वहां एक दीपस्तंभ का निर्माण किया। 1956 के बाद बेपोर को अपना महत्व पुनः प्राप्त हुआ। इस क्षेत्र में एक प्रमुख दीपस्तंभ स्थापित करना आवश्यक हो गया। बेपोर दीपस्तंभ का निर्माण 1977 में किया गया था और मेसर्स जे. स्टोन इंडिया, कलकत्ता द्वारा उपलब्‍ध कराए गए उपकरण स्टेशन पर स्थापित किए गए थे। इसे 21 नवंबर 1977 को प्रचालित किया गया था। यह तापदीप्त लैंप को 230V 400W मेटल हैलाइड लैंप से बदलने और डायरेक्ट ड्राइव सिस्टम का एकीकरण 30 जुलाई 1998 को पूरा हुआ।

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